कलौंजी की खेती (Kalonji farming) : किसान भाईयो आपको आज हम कलौंजी की खेती की सम्पूर्ण जानकारी इस लेख में देने वाले है.
कलौंजी की फसल व्यापारिक खेती के रूप में कई जाती है. कलोंजी को पौधों के बीज बहुत ही लाभदायक होते हैं. कलौंजी को विभिन्न नामों से जाना जाता है. तो शुरू करते है की कलौंजी की खेती कैसे करें.
कलौंजी का उपयोग – कलौंजी किस काम में आती है?
Kalonji का बीज रुपी कण बहुत ही हल्के वजन और काले रंग का होता है. इसका उपयोग मसाले के रूप में होता है इससे नान, केक, ब्रेड तथा अन्य बहुत सी जगह पर मसाले के रूप में या अचार में खुशबू बढ़ाने खट्टा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है जब बीज स्वाद में हल्की कड़वाहट के साथ तीखा होता है.
कलोंजी के बीजों में 35 से लेकर 38 प्रतिशत वसा और 35 कार्बोहाइड्रेट तथा 21 प्रतिशत प्रोटीन की मात्रा होती है. कलोंजी के बीजों का उपयोग चिकित्सा उपचार में किया जाता है.
कलोंजी के तेल से कैंसर , मधुमेह , दिल की बीमारी के साथ-साथ पतरी और कमर दर्द जैसे गंभीर रोगों ठीक हो जाते हैं.
किसान भाइयों आप भी कलौंजी की फसल या कलौंजी की खेती करना चाहते हैं तो यह जानकारी आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाली है तो बिना देर किए चलिए शुरू करते हैं :- कलौंजी की खेती करने का तरीका.
कलौंजी का बीज कहा मिलता है?
कलोंजी के बीज आप किसी भी किसान मंडी या बीज विक्रेता केंद्र से ले सकते हैं. मध्य प्रदेश में यह ज्यादातर नीमच मंडी में बीज के रूप में मिल सकती है. कलौंजी के बीज को बीज उपचार जरूर कर लेवे.
उपयुक्त जलवायु और तापमान
कलोंजी की फसल लगाने के लिए कलौंजी के पौधों को आध्र और शुष्क जलवायु की आवश्यकता होती है. शुरुआत में कलौंजी को ज्यादा ठंड की आवश्यकता होती है इसके विपरीत कलोंजी की फसल पकने की स्थिति में ज्यादा तापमान यानी गर्मी की आवश्यकता होती है.
कलौंजी की खेती करने के लिए उचित जल निकासी करने योग्य उपजाऊ जमीन ही उपयुक्त है. इन्हीं कारणों से रबी की फसल के साथ भारत में यह खेती की जाती है.
कलोंजी की फसल लगाने के लिए इसके पौधों को अलग-अलग समय पर अलग तापमान की आवश्यकता होती है.
कलौंजी को फूंकते समय यानी अंकुरण के समय सामान्य तापमान और इसके बढ़ने पर ठंड की आवश्यकता साथी ही इसके पकने पर तापमान 30 डिग्री के आसपास होना अच्छा रहता है.
कलौंजी की खेती कहा होती है?
कलौंजी की फसल की खेती ज्यादातर कार्बनिक प्रधानता युक्त दोमट मिट्टी, काली मिट्टी में होती है.
कलोंजी की खेती या फसल के लिए खेत मे आवश्यक जल निकास होना अति आवश्यक होता है. जल भराव की स्थिति में इसके पौधे खराब हो जाते हैं.
कलौंजी फसल को बेचने के लिए मध्य प्रदेश की नीमच मंडी काफी प्रसिद्ध और सही है.
कलौंजी का मतलब क्या होता है?
बहुत से लोगों को यह नहीं पता है – ‘कलोंजी का मतलब क्या है’ कलौंजी का हिंदी में मतलब : एक प्रकार का ऐसा पौधा जो काले बीज युक्त होता है जिसे मंगरैला या कालाजाजी कहते है मसाले के रूप में काम आता है. इसका तेल बहुत सी बीमारियों में लाभकारी होता है.
कलौंजी के विभिन्न नाम क्या है?
कलोंजी के बहुत से नाम है जैसे:-
कलौंजी को अंग्रेजी में – स्माल फनेल, Nigella seeds
हिंदी में कलौंजी को – कलोंजी, मंगरैला, मगरेल
कलौंजी को संस्कृत में – कलवंचिका , कालाजाजी इत्यादि कहते है.
कलौंजी में खरपतवार की दवाई
कलौंजी में खरपतवारनाशक यानी खरपतवार की दवा उपलब्ध नही है, परन्तु बहुत से किसान धनिये की फसल के लिए उपयोग किये जाने वाला खरपतवारनाशक इस्तेमाल करते है.
यदि आप किसी भी खरपतवारनाशी का उपयोग करते है तो पहले कृषि विशेषज्ञों से सलाह जरूर लेवें.
नोट :- हम किसी भी खरपतवार के उपयोग की सलाह नही देते है, किसान भाई अपने स्वविवेक से काम लेवें.
कलौंजी का पौधा कैसा होता है?
कलौंजी की फसल का पौधा सौंफ के पौधे के समान होता है, कलोंजी के फूल नीले रंग के और इसके बीज काले रंग के होते है. इसकी खुशबू काफ़ी महक देती है.
विकिपीडिया के अनुसार कलौंजी (Nigella) के बीज औषधि और मसाले के रूप में उपयुक्त होता है. इसकी लम्बाई 20 से.मी. से 60 से. मी. होती है.
कलौंजी की उन्नत किस्में
हम आपको बेहतरीन कलौंजी के बीजों की किस्म के बारे में बताने वाले है जिनकी पैदावार बहुत अधिक होती है.
NS – 32
कलौंजी की फसल के लिए यह एक नई और उन्नत किस्म है जिसकी पैदावार हेक्टेयर के हिसाब से 10 से 15 क्विंटल होती है यह सामान्य ऊंचाई का पौधा होता है इसके रोपाई की के 140 दिनों के आसपास फ़सल पक जाती है.
आजाद कलौंजी
आजाद कलौंजी को उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में सर्वाधिक बोई जाती है, यह एक सामान्य ऊंचाई वाला पौधा होता है जिसकी प्रति हेक्टेयर उत्पादन क्षमता 10 से 12 कुवंटल होती है यह 140 से 150 दिनों में पक जाता है. ज्यादातर किसान यही किस्म लगाते है.
कलौंजी की खेती करने का तरीका
कलौंजी की खेती का तरीका आपको हम बताने वाले हैं कलौंजी की बुवाई के लिए समतल खेत और कब चौड़ाई वाली क्यारियों का इस्तेमाल किया जाता है.
कलौंजी कि बुआई छिड़काव विधि से की जाती है छिड़काव करने से पहले कलौंजी के बीजो को बीज उपचार जरूर कर लेवें. ताकि इसकी अंकुरण की क्षमता बढ़ सके.
एक बीघा में कलौंजी के बीज का छिड़काव 2 किलो से लेकर 3 किलो के बीच में होता है. हेक्टेयर के हिसाब से कलौंजी के बीजो की बुआई के लिए लगभग 7 किलो बीजो की जरुरत होती है.
किसान भाइयों बीज का छिड़काव कर ले से पहले यह जान ले कि ज्यादा बीज छिड़काव होगा तो दिक्कत नहीं आएगी कम बीज से आपकी फसल बहूत ही कम नजर आएगी. परंतु कम बीज का उपयोग होने से पौधे को अधिक मजबूती मिलेगी.
कलौंजी की बुवाई का समय सितंबर महीने के मध्य से अक्टूबर महीने तक या अक्टूबर के मध्य तक किया जा सकता है. बहुत से किसान इसे अक्टूबर के लास्ट में बोते (छिड़काव करते) हैं.
कलौंजी की फसल की सिंचाई
कलौंजी की फसल को पानी की अधिक आवश्यकता होती है यह कम से कम 7 – 8 पानी में पक कर तैयार हो जाती है.
कलौंजी के अंकुरित होने पर ज्यादा नमी की आवश्यकता होती है. इस पर हल्की सिंचाई करनी चाहिए. पौधे की विकास के दौरान इसमें आपको कम से कम 15 से 21 दिनों के अंतराल में पानी देना चाहिए.
कलोंजी कितने दिनों के बाद उगती है?
कलोंजी कितने दिनों में उगती है यह सवाल अधिकतर किसान भाइयों के मन में रहता है.
कलोंजी को फुकने के कितने दिनों के बाद उगती है इसका जबाव है-
कलोंजी की बुआई के 15 से 25 दिनों में उगती है. इस बीच कलोंजी को 2 से 3 पानी पिलाना पड़ सकता है.
कलौंजी की फसल की कटाई
कलौंजी के पौधे के बीज यदि काले और चमक वाले दिखने लगे तो इसे काट लेना उचित होगा. यह ध्यान अवश्य रखें कि कलौंजी की पौधों को ज्यादा सुखने ना दे इससे बीजो का जमीन पर बिखरने का खतरा बढ़ सकता है.
kalonji आप किसी भी थ्रैशर में नही निकाल सकते हो. यह बहुत हल्की होने से आम थ्रैशर में निकालना थोड़ा मुश्किल होता है.
कलोंजी का भाव क्या होता है ?
एक अनुमानित आकड़े के अनुसार कलोंजी का भाव कम से कम 10 हजार रूपये से लेकर के 20 हजार रुए के बिच में रहते है.
अगर हम इस साल 2020 की बात करें तो जून महीने में कलोंजी का ताजा भाव 17 हजार रुपये चल रहें है. जो आगे और भी बढ़ सकते है ऐसा अनुमान है.
अंत में
आशा करते हैं कि किसान भाइयों आपको हमारी यह जानकारी Kalonji Farming – कलौंजी की खेती कैसे करें और कलौंजी की फसल के बारे में जानकारी अच्छी लगी होगी. इसे ज्यादा से ज्यादा किसान भाइयों को शेयर जरूर करें और मन्दसौरमण्डीभाव.कॉम को पढ़ते रहिए.
Sir ,mujhe bij chahiye kalaunji ka asawgandha ka or chiya ka pls provide me ya kha milega no de sakte hai mob-7905617546
Kya mp ke sabhi jilon me kalonji ki kheti kar sakte
Ji Han
Nhi
very usefull information Nice post
राजस्थान कोटा रामगंज मंडी का रहने वाला हूं मेरी कलौंजी की फसल 110 दिन की हो गई है उसमें अभी 50% फुल और 50% डोडी हो गई है अभी दाने हरे हैं अभी तक 5 पानी हो गए तो क्या मैं अभी सिंचाई कर सकता हूं क्या
really very nice artical
Disambar me bhi bo skte he kya kalonji ko